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सोच लिया तो सोच लिया

जीवन खुशियों से भर दूंगा, सोच लिया तो सोच लिया। चिंताओं पर फतह करूंगा, सोच लिया तो सोच लिया। जीवन से बढ़कर समाज है और समाज से ऊपर देश, देश की खातिर जां दे दूंगा, सोच लिया तो सोच लिया। कितनी भी बाधाएं आएं, भारी संकट हों सर पर, तुमको चाहा है, चाहूँगा, सोच लिया तो सोच लिया। उसके सच को वज़न मिले तो, आखिर मैंने सोचा है, दर्पण को चेहरा दे दूंगा, सोच लिया तो सोच लिया। खूब खताएं की हैं मैंने, पश्चाताप करूँ कैसे, माँ के आगे सर रख दूंगा, सोच लिया तो सोच लिया। बच्चों की गुल्लक के पैसे लेकर राशन ले आया, आगे ठीकठाक कर लूँगा, सोच लिया तो सोच लिया. हंसी नहीं ला पाऊँ शायद उनके होठों पे "चेतन " कम से कम, ग़म कम कर दूंगा, सोच लिया तो सोच लिया.