यूँ भी हुए तमाशे सौ।
पाया एक, तलाशे सौ।
जब भी उसका नाम लिया,
मुंह में घुले बताशे सौ।
यूँ समझो था ख्वाब सुनहरा याद रहा।
मुझे सफ़र में तेरा चेहरा याद रहा।
कैसे कह दूँ तेरी याद नहीं आई,
रस्ते भर खुशबु का पहरा याद रहा.
पाया एक, तलाशे सौ।
जब भी उसका नाम लिया,
मुंह में घुले बताशे सौ।
यूँ समझो था ख्वाब सुनहरा याद रहा।
मुझे सफ़र में तेरा चेहरा याद रहा।
कैसे कह दूँ तेरी याद नहीं आई,
रस्ते भर खुशबु का पहरा याद रहा.
nice
जवाब देंहटाएंsunder bhav....
जवाब देंहटाएंइनका कोई जवाब नहीं - लाजवाब
जवाब देंहटाएंbahut khub......
जवाब देंहटाएंwah bhai chetan g..
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